stye एक ऐसी समस्या है, जिसमें आमतौर पलकों में मौजूद एक या एक से अधिक ग्रंथियां रुक जाती हैं। ग्रंथियां रुकने के कारण द्रव जमा होने लगता है और कई बार वह संक्रमित हो जाता है। कुछ लोगों के लिए stye काफी परेशान कर देने वाली स्थिति हो सकती है और इस कारण से आंखों व पलकों में लालिमा, सूजन और तेज खुजली की समस्याएं हो सकती हैं। अगर आंख में हुई फुंसी का आकार बढ़ गया है, तो इससे आंख में तेज दर्द भी हो सकता है और बार-बार पानी आने की समस्या भी होने लगती है। stye का इलाज आमतौर स्थिति के अंदरूनी कारण और उसकी गंभीरता के अनुसार ही किया जाता है। इसके अलावा लक्षणों को ध्यान में रखते हुए कुछ प्रकार की दर्द निवारक और सूजन रोधी दवाओं का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
stye के प्रकार
stye को 2 प्रकार के होते है
1. बाहरी stye: यदि बालों के कूप संक्रमित हो जाते हैं तो हमें बाहरी होर्डियोलम के रूप में जाना जाता है।
2. आंतरिक stye: यदि एक मेइबोमियन ग्रंथि संक्रमित हो जाती है तो इसे आंतरिक होर्डिओलम के रूप में जाना जाता है।
stye के लक्षण
आंख की ऊपर या नीचे वाली पलक में फुंसी निकलना ही स्टाई का सबसे प्रमुख लक्षण है। यह फुंसी आमतौर पर एक बड़े पिंपल या फोड़े की तरह दिखाई देती है, जिसका ऊपर से गुलाबी हो सकता है। वहीं कई बार इसमें पस भर जाने के कारण इसका रंग ऊपर से हल्का सफेद भी हो सकता है। आंख की पलक पर फुंसी होने के साथ-साथ निम्न लक्षण भी देखे जा सकते हैं, जैसे –
आंख में खुजली, दर्द व जलन महसूस होना
आंख से पानी आना
आंख में बार-बार धुंधला दिखना
पलक में सूजन आ जाना
stye के कारण
पलकों की तेल ग्रंथियों में संक्रमण होना stye के प्रमुख कारणों में से एक है। आंख में फुंसी पैदा करने वाला संक्रमण स्टैफिलोकॉकस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। इस बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण कई बार पलकों में सूजन की समस्या भी हो जाती है। इसके अलावा कुछ मामलों में stye निम्न कारणों से भी हो सकती है –
अपवर्तक समस्याएं (Refractive errors)
पलक में बार-बार खुजली करने की आदत
आंखों पर लगातार तनाव पड़ना (Eye strain)
stye के इलाज
गर्म सेंक : एक साफ कपड़े को थोड़े गर्म पानी में डुबोया जाता है। फिर इस गर्म कपड़े को सूजन पर रखा जाता है। विचार उस क्षेत्र में गर्मी को बढ़ाने का है जिससे सभी रक्त वाहिकाएं फैल जाती हैं।प्रति दिन कम से कम पांच मिनट के लिए एक गर्म, नम कपड़े (या टी बैग) को लगाने से तेल ग्रंथियों को खोलने और संक्रमण को दूर करने में मदद मिलती है।
आई ड्रॉप :जब संक्रमण फैल रहा हो तो कोई एंटीबायोटिक आई ड्रॉप भी शुरू कर सकता है।कभी-कभी चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है। यह ओरल एंटीबायोटिक्स से लेकर सर्जिकल ड्रेनिंग तक हो सकता है। प्रारंभिक उपचार आपको बाद में अधिक आक्रामक प्रक्रिया से बचने में मदद कर सकता है।
आई ऑइंटमेंट :यह उपचार का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। किसी को आईलाइनर लगाने की तरह ढक्कन के मार्जिन पर एक एंटीबायोटिक आई ऑइंटमेंट लगाने की जरूरत होती है।