Kidney Stone छोटे, कठोर खनिजों और लवणों का एक संग्रह होता है जो गुर्दे के अंदर बनता है। यह स्टोन तब बनते हैं जब यूरिन में कुछ पदार्थों की सांद्रता बढ़ जाती है और वे क्रिस्टल के रूप में जमने लगते हैं। समय के साथ, ये क्रिस्टल मिलकर एक ठोस पिंड का रूप ले लेते हैं। इन्हीं को गुर्दे की पथरी कहते हैं। Kidney Stone एक गंभीर लेकिन प्रबंधनीय समस्या है। गुर्दे की पथरी होने के लक्षण को समझकर और सही समय पर उपचार करवाकर इससे बचा जा सकता है। स्वस्थ आहार और पर्याप्त पानी का सेवन गुर्दे की पथरी की संभावना को कम कर सकता है। किडनी स्टोन होना एक आम लेकिन बेहद दर्दनाक स्थिति है। समय पर ध्यान देने और सही पथरी का इलाज से इसे प्रबंधित और ठीक किया जा सकता है।
Kidney Stone के लक्षण
Kidney Stone के लक्षण तब प्रकट होते हैं जब ये स्टोन गुर्दे से मूत्रवाहिनी (यूरीटर) में चले जाते हैं। ये लक्षण आमतौर पर तब महसूस होते हैं जब स्टोन मूत्र प्रवाह को अवरुद्ध कर देते हैं। गुर्दे की पथरी के लक्षणों का अनुभव करते समय, खासकर जब दर्द अत्यधिक हो, पेशाब में खून आ रहा हो, या बुखार हो, तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि स्टोन के कारण किसी गंभीर जटिलता का विकास न हो। यहां गुर्दे की पथरी होने के लक्षण की सूची दी गई है।
पीठ या पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द : यह दर्द आमतौर पर कमर के एक तरफ या पीठ के निचले हिस्से में होता है और कभी-कभी यह पेट या जांघ तक फैल सकता है। दर्द अचानक शुरू होता है और उसकी तीव्रता बढ़ती-घटती रहती है।
पेशाब करते समय दर्द या जलन : पेशाब करते समय दर्द या जलन महसूस होना एक सामान्य लक्षण है।
पेशाब में खून आना (हेमाट्यूरिया) : पेशाब का रंग गुलाबी, लाल या भूरे रंग का हो सकता है, जो खून की उपस्थिति को दर्शाता है।
उल्टी और मतली : गुर्दे की पथरी के कारण होने वाले दर्द के साथ-साथ उल्टी और मतली भी हो सकती है।
बार-बार पेशाब की इच्छा : स्टोन के कारण मूत्राशय में जलन हो सकती है। जिससे बार-बार पेशाब करने की इच्छा हो सकती है।
पेशाब की मात्रा में कमी : मूत्रवाहिनी में स्टोन फंस जाने से मूत्र प्रवाह में रुकावट आ सकती है, जिससे पेशाब की मात्रा कम हो जाती है।
बदबूदार या धुंधला पेशाब : मूत्र संक्रमण के कारण पेशाब से बदबू आ सकती है या उसका रंग धुंधला हो सकता है।
बुखार और ठंड लगना : यदि किडनी स्टोन के कारण मूत्र प्रणाली में संक्रमण हो जाता है, तो बुखार और ठंड लगना भी गुर्दे की पथरी के लक्षण(Kidney Stone Symptoms in Hindi) हो सकते हैं।
Kidney Stone के प्रकार
Kidney Stone मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं, जिनमें प्रत्येक प्रकार की रचना और कारण भिन्न होते हैं। किडनी स्टोन के विभिन्न प्रकारों को समझना उनके रोकथाम और उपचार में मददगार हो सकता है। सही जानकारी और समय पर उपचार से किडनी स्टोन की समस्या से निपटा जा सकता है। यदि गुर्दे की पथरी होने के लक्षण महसूस हों तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यहां गुर्दे की पथरी के प्रकार और उनके बारे में जानकारी दी गई है:
कैल्शियम स्टोन : किडनी स्टोन का सबसे सामान्य प्रकार कैल्शियम स्टोन होता है। ये मुख्य रूप से कैल्शियम ऑक्सलेट से बनते हैं। कैल्शियम स्टोन के बनने के मुख्य कारणों में ऑक्सलेट युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन, जैसे पालक, चॉकलेट और नट्स शामिल है। कुछ मेटाबोलिक विकारों के कारण भी मूत्र में कैल्शियम की मात्रा बढ़ सकती है। पर्याप्त पानी न पीने से यूरिन में कैल्शियम की सांद्रता बढ़ सकती है।
यूरिक एसिड स्टोन : यूरिक एसिड स्टोन तब बनते हैं जब यूरिन अत्यधिक अम्लीय हो जाता है। ये स्टोन उन लोगों में अधिक पाए जाते हैं जो उच्च प्रोटीन आहार का सेवन करते हैं। इनके मुख्य कारण मांस, मछली और शेलफिश का अधिक सेवन है। पर्याप्त पानी न पीने से यूरिन में यूरिक एसिड की सांद्रता बढ़ सकती है। कुछ लोगों में यूरिक एसिड स्टोन बनने की प्रवृत्ति वंशानुगत होती है।
स्ट्रुवाइट स्टोन : स्ट्रुवाइट स्टोन अधिकतर महिलाओं में पाए जाते हैं और मूत्र संक्रमण के परिणामस्वरूप बनते हैं। ये स्टोन तेजी से बढ़ सकते हैं और गुर्दे की कार्यप्रणाली को बाधित कर सकते हैं। इनके प्रमुख कारण बैक्टीरिया हैं। जो यूरिन को कम अम्लीय बना देते हैं, जिससे स्ट्रुवाइट स्टोन बनने की संभावना बढ़ जाती है। मूत्राशय में संक्रमण के लिए अनुकूल वातावरण मिलता है।
सिस्टीन स्टोन : सिस्टीन स्टोन दुर्लभ होते हैं और वंशानुगत विकार के कारण बनते हैं। यह विकार सिस्टिनुरिया कहलाता है, जिसमें सिस्टीन नामक अमीनो एसिड मूत्र में रिसाव करता है और स्टोन का निर्माण करता है। सिस्टिनुरिया के
Kidney Stone के कारण
Kidney Stone बनने के कई कारण हो सकते हैं, जो व्यक्ति की जीवनशैली, आहार, आनुवंशिकता और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से संबंधित होते हैं। गुर्दे की पथरी के बनने के कई कारण होते हैं, और इनके जोखिम को कम करने के लिए सावधानीपूर्वक जीवनशैली और आहार को अपनाना महत्वपूर्ण है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, संतुलित आहार लेना और नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करवाना किडनी स्टोन से बचाव के प्रमुख उपाय हैं। यदि आपको गुर्दे की पथरी के लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उचित उपचार प्राप्त करें। यहां कुछ प्रमुख कारणों का विवरण दिया गया है:
पानी की कमी : यदि आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं, तो यूरिन का उत्पादन कम हो जाता है और यह अधिक गाढ़ा हो जाता है। इससे मूत्र में खनिज और लवणों की सांद्रता बढ़ जाती है, जो गुर्दे की पथरी बनने का कारण बन सकते हैं।
आहार संबंधी कारण : अधिक मात्रा में नमक (सोडियम) का सेवन मूत्र में कैल्शियम की मात्रा बढ़ा सकता है, जिससे कैल्शियम स्टोन बनने की संभावना बढ़ जाती है। पालक, चॉकलेट, चाय और नट्स जैसे खाद्य पदार्थों में ऑक्सलेट की मात्रा अधिक होती है, जो कैल्शियमऑक्सलेट स्टोन का कारण बन सकते हैं। अधिक मात्रा में प्रोटीन का सेवन यूरिक एसिड स्टोन बनने का खतरा बढ़ा सकता है। आहार में पर्याप्त कैल्शियम न लेने से ऑक्सलेट अवशोषण बढ़ सकता है, जो स्टोन बनने का कारण बनता है।
आनुवंशिकता : यदि आपके परिवार में किसी को गुर्दे की पथरी हुआ है, तो आपके भी इसका शिकार होने की संभावना बढ़ जाती है। कुछ आनुवंशिक विकार, जैसे सिस्टिनुरिया, किडनी स्टोन का कारण बन सकते हैं।
स्वास्थ्य समस्याएं : हायपरपैराथायरॉइडिज्म जैसी स्थितियां मूत्र में कैल्शियम की मात्रा बढ़ा सकती हैं। मूत्र पथ संक्रमण स्ट्रुवाइट स्टोन का कारण बन सकते हैं। कुछ गुर्दे की बीमारियां भी किडनी स्टोन बनने का कारण हो सकती हैं।
अन्य कारण : मोटापे के कारण यूरिन में एसिड की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे स्टोन बनने की संभावना बढ़ जाती है। कुछ दवाएं, जैसे कि डाईयुरेटिक्स और कैल्शियम सप्लीमेंट्स, किडनी स्टोन का खतरा बढ़ा सकती हैं। शारीरिक गतिविधि की कमी भी स्टोन बनने का एक कारण हो सकता है।
Kidney Stone से बचाव
गुर्दे की पथरी से बचाव के लिए सही जीवनशैली और आहार का पालन करना महत्वपूर्ण है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, संतुलित आहार लेना, नियमित व्यायाम करना और स्वास्थ्य जांच करवाना किडनी स्टोन के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं। यदि आपको किसी प्रकार के गुर्दे की पथरी के लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उचित परामर्श लें। किडनी स्टोन से बचाव के लिए कुछ सरल और प्रभावी उपाय अपनाए जा सकते हैं। यहां किडनी स्टोन से बचाव के कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं:
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं : पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से यूरिन पतला रहता है और खनिज व लवण घुलनशील रहते हैं, जिससे स्टोन बनने का खतरा कम हो जाता है। दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं। यह सुनिश्चित करें कि आपका यूरिन हल्के पीले या साफ रंग का हो।
संतुलित आहार का सेवन करें : नमक की मात्रा को कम करें क्योंकि अधिक सोडियम मूत्र में कैल्शियम की मात्रा बढ़ा सकता है। पालक, चॉकलेट, चाय और नट्स का सेवन सीमित मात्रा में करें। प्रोटीन का सेवन संतुलित मात्रा में करें क्योंकि अधिक प्रोटीन यूरिक एसिड स्टोन का खतरा बढ़ा सकता है। आहार में पर्याप्त कैल्शियम शामिल करें क्योंकि कम कैल्शियम का सेवन ऑक्सलेट अवशोषण बढ़ा सकता है।
नियमित शारीरिक गतिविधि : नियमित शारीरिक गतिविधि न केवल समग्र स्वास्थ्य के लिए अच्छी है, बल्कि यह किडनी स्टोन बनने के जोखिम को भी कम करती है। मोटापे से बचने के लिए संतुलित आहार और नियमित व्यायाम करें, क्योंकि मोटापा गुर्दे की पथरी बनने का खतरा बढ़ा सकता है।
नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं : नियमित रूप से डॉक्टर से मिलें और यूरिन व रक्त परीक्षण करवाएं, विशेष रूप से यदि आपके परिवार में किडनी स्टोन का इतिहास है। यूरिन संक्रमण होने पर तुरंत गुर्दे की पथरी का इलाज करवाएं क्योंकि संक्रमण से स्ट्रुवाइट स्टोन बनने का खतरा होता है। यदि आप किसी ऐसी दवा का सेवन कर रहे हैं जो गुर्दे की पथरी के खतरे को बढ़ा सकती है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
घरेलू पथरी का इलाज और पारंपरिक उपाय : नींबू में सिट्रेट होता है, जो कैल्शियम स्टोन के बनने से रोक सकता है। दिन में एक या दो बार नींबू पानी पीने से लाभ हो सकता है। नारियल पानी पीने से शरीर हाइड्रेट रहता है और यह गुर्दे की पथरी से बचाव में मदद कर सकता है।