Fish Farming की खेती एक अच्छा बिजनेस माना जा सकता है क्योंकि यह बिजनेस भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में बहुत ही प्रचलित है और अच्छा मुनाफा देता है। आज के दौर में Fish Farming करके लोग घर बैठे लाखों रूपए कमा रहे हैं। अगर भारत की बात की जाए तो हमारे देश में मछली की काफी ज्यादा मांग भी है लेकिन, अगर आप नौसीखिए हैं तो आप इस बिजनेस में बिलकुल शुरुआत ना करें क्योंकि इसमें एक माहिर और अनुभवी व्यक्ति की जरूरत है।
Fish Farming क्या है?
Fish Farming एक बिजनेस मॉडल है, जो मुख्यतः घरेलू और बिजनेस उद्देश्यों के लिए मछलियों के प्रजनन, पालने और परिवहन (Transportation) की एक प्रक्रिया है। दुनियाभर में जब भी स्वस्थ और पौष्टिक भोजन विकल्पों की बात आती है तो मछलियां इस पौष्टिक भोजन की सूची में शीर्ष पर होती हैं क्योंकि इनमें प्रोटीन और अन्य मिनरल काफी ज्यादा मात्रा में होते हैं।
Fish Farming एक प्रचलित प्रकार का पशुपालन है जो खाद्य और आवास की आवश्यकताओं को पूरा करता है। इस बिजनेस के लिए अलग-अलग प्रकार की मछलियों का चयन किया जाता है जैसे कि कार्प, ट्राउट, स्वर्णा मछली, तिलपिया, रोहू इत्यादि। फिश फार्मिंग का बिजनेस आमतौर पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर मछलियों को बेचने के लिए जोखिम उठाते हुए किया जाता है।
Fish Farming business करने की प्रक्रिया
Fish Farming करने के लिए सबसे पहले तालाब या टैंक का निर्माण करना होता है. इसको बनाने के लिए आपको जमीन की जरुरत पड़ती है. अर्थात सबसे पहला कदम तालाब या मछलियों के रखने के स्थान का निर्माण करना है.
वातावरण के अनुकूल स्थान का चयन
Fish Farming के लिए उचित स्थान का चयन करना बेहद आवश्यक है, ध्यान रखे की Fish Farming में वातावरण एवं जगह का बहुत फर्क पड़ता है. उदाहरण के तौर पर सर्दियों में या ठंडे इलाकों में मछली का आकार धीमी गति से बढ़ता है. अगर आप भारत में रहते हैं, तो कोशिश करें की तालाब का निर्माण सर्दियों के मौसम में पूरा कर लें. जिससे गर्मियां आने से थोड़ा पहले ही आप मछलियों को पालना शुरू कर दें.
Fish Farming हेतु तालाब या स्थान का निर्माण
तलाब या टैंक का निर्माण आप कई तरीकों से कर सकते हैं, उदाहरण के तौर पर अगर आप मेहनत और समय बचाना चाहते हैं. तो प्लास्टिक के बड़े-बड़े टैंक खरीद सकते हैं. वहीं अगर आप जमीन पर इसका निर्माण करना चाहते हैं, तो आप मशीन की सहायता से उस जगह को तालाब के आकार में बना सकते हैं. वहीं अगर आपका बजट कम है तो आप फावड़े मदद से भी तालाब का निर्माण आसानी से कर सकते हैं. निर्माण करने के बाद ब्लीचिंग पाउडर और मिट्टी में चूने का छिड़काव जरूर कर दें. ऐसा करने से चयनित क्षेत्र में मछलियों को हानि पहुंचाने वाले कीट एवं अनावश्यक जीव मर जाते हैं.
मछलियों के खाने और जिन्दा रहने के इंतजाम
Fish Farming को तेजी देने के लिए जरूरी है कि मछलियां तालाब में जिन्दा रह सकें और उनकी संख्या बढा सकें. इसलिए आपको मछलियों के आवश्यक खाने का इंतजाम पहले ही कर लेना चाहिए. ध्यान रहे कि भोजन मछलियों के लिए अनुकूल होना चाहिए और हो सके तो मछली की प्रजाति को ध्यान में रखते हुए उनके खाने का इंतजाम करें. इतना ही नहीं उसके साथ ही तालाब के पानी को लेकर भी सावधानी बरतना जरूरी है. पानी सही है कि नहीं इसकी जांच करने के बाद ही इसको तालाब में डालें.
भारत में मछलियों की प्रजातियां
Fish Farming के लिए सबसे महत्वपूर्ण एवं आवश्यक चीज है फार्मिंग के लिए मछली की प्रजाति का चुनाव करना. भारत में रोहू, कटला, मुर्रेल, टूना, ग्रास शार्प एवं हिस्ला मछलियों की प्रजातियां ही मुख्य रूप से पायीं जाती हैं. इस तरह की प्रजातियां मानसून एवं परिस्थितियों के हिसाब से अपने आपको ढाल भी सकती है. मतलब भारत में कारोबार करने के लिए इस तरह की मछलियां चयन करना लाभदायक साबित होगा. वहीं ये प्रजातियां भारत में आसानी से मिल जाती इसलिए इनके दाम भी काम होते हैं.
मछलियों का रख रखाव
Fish Farming को सुचारु रूप से चला के लिए आपको मजदूरों कीने भी जरूरत पड़ती है. जो कि इन मछलियों का ख्याल रख सकें और समय-समय पर इन्हें खाना दे सकें. इसके साथ ही मछलियों को सुरक्षित रखना भी काफी महत्वपूर्ण होता है. वहीं अगर किसी मछली को कोई बीमारी हो जाती है, तो ऐसे में आप पोटेशियम परमैंगनेट और साल्ट यानि सोडियम का इस्तेमाल करें. क्योंकि एक मछली में फैलने वाले ये कीटाणु या रोग पूरी मछलियों को बीमार कर सकते हैं. इसलिए मछलियों की देखरेख का खास ध्यान रखें.
पानी की गुणवत्ता को बनाएं रखना
पानी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए आपको तालाब को हर हफ्ते में एक बार साफ करना होगा. हालांकि आप इस प्रक्रिया को महीनें में दो बार भी कर सकते हैं. इसके साथ-साथ आपको तालाब में भरे पानी की पीएच मान भी 7 से लेकर 8 तक संतुलित करने की आवश्यकता होती है. ऐसा करने से मछलियों को साफ पानी मिलता है और मछलियों की उत्पादन क्षमता भी बढ़ जाती है.
Fish Farming में इस्तेमाल होने वाले उपकरण और उनके दाम
मछली टैंक और तालाब
इस तरह के उपकरण यानी मछली टैंक की जरूरत तब पड़ती है. जब आप छोटे या घरेलू स्तर पर व्यापार करने की सोच रहे हैं. आप इस टैंक को अपने घर की छत पर भी स्थापित कर सकते हैं. या फिर आप एक निकली तालाब (कृत्रिम) खरीद सकते हैं. वहीं इनकी कीमत इस बात पर निर्भर करती है कि आप कितना बड़ा टैंक लें रहे हैं
मार्केटिंग
उचित मार्केटिंग सुविधाओं के बिना आप अच्छे उत्पादन की इच्छा नहीं कर सकते हैं। भारत में वाणिज्यिक मछली पालन की मुख्य सुविधा यह है कि, आप आसानी से अपने उत्पादों को उचित मूल्य में बेच सकते हैं।
अधिकांश भारतीय मछली किसान अपने उत्पादों को निकटतम स्थानीय बाजार में बेचते हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय मछली की भी भारी मांग है।
आप विदेशी देशों को मछली निर्यात करके अधिक लाभ सुनिश्चित कर सकते हैं। भारत से अंतरराष्ट्रीय मार्केटिंग के लिए एक किसान संघ स्थापित करना चाहिए।
ताकि हम अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में आसानी से अपने उत्पादों को बेच सकें।
कहां से लें ये सामान
आप टैंक और तालाब ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से खरीद सकते हैं ऑफलाइन इन्हें खरीदने के लिए आपको किसी प्लास्टिक का सामान बेचने वाली कंपनी या दुकान पर जाना होगा. जहां पर आपको ये चीजें आसानी से मिल जाएगी. वहीं इसे ऑनलाइन आर्डर भी किया जा सकता है.पानी की जांच करने वाले उपकरणपानी जांच करने वाले उपकरणों को आप नीचे बताए गए लिंक पर जाकर खरीद सकते हैं. इसकी कीमत 1500 रूपय के आस-पास है, इस उपकरण की जरूरत पानी की गुणवत्ता जांच करने के लिए पड़ती है.
Fish Farming में लागत
मुख्यतया इस व्यवसाय में आपको फिश पॉन्ड बनाने में ही अधिक लागत आएगी, इसके बाद के कार्य आप कम निवेश में भी कर पाएंगे।
आपको एक पांचसौ स्क्वायर फिट का पोंड बनवाने के लिए लगभग दो से ढाई लाख रुपए तक का खर्चा आएगा।
इसके अलावा वहां पर निरंतर सफाई और मछलियों का ध्यान रखने के लिए आपको एक मजदूर की भी आवश्यकता पड़ सकती है,यदि उसकी जगह आप खुद यह काम करते हैं तो आपको उसका खर्चा नहीं लगेगा।
साथ ही पहली बार पोंड में पांचसौ तक मछलियां लाने पर आपको लगभग तीस हजार रुपये से चालीस हजार रुपये की राशि चुकानी होगी,हालांकि यह राशि निर्भर करेगी कि आप किस प्रकार की मछलियां अपने पोंड में ला रहे हैं।
इसके अलावा मछलियों के भोजन की व्यवस्था अलग से करनी होगी।
इस प्रकार आप शुरुआत में लगभग पांच लाख रुपये तक के निवेश के साथ फिश फार्मिंग व्यवसाय शुरू कर सकते हैं, इसके अलावा और अधिक लागत आपकी जरूरतों के अनुसार कम या ज्यादा हो सकती है।
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