TodaysNews11/ नीमच: जिले की जीरन तहसील के पालसोड़ा ग्राम पंचायत के गांव जेतपुरा के ग्रामीण जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली डेढ़ किलोमीटर सड़क नहीं बनने से परेशान हैं। गुरुवार सुबह करीब 10 बजे 50 से अधिक महिला-पुरुषों ने 5 फीट गहरे पानी में खड़े रहकर जल सत्याग्रह शुरु कर दिया।
यह सूचना जिला स्तर तक पहुंची तो प्रशासनिक अधिकारियों में खलबली मच गई। कलेक्टर ने तुरंत मामले पर संज्ञान लेते हुए जनपद सीईओ को मौके पर भेजा। जल सत्याग्रह के करीब 4 घंटे बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे। काफी समझाइश के बाद अधिकारियों के आश्वासन पर ग्रामीणों ने जल सत्याग्रह समाप्त किया।
बच्चों को छोड़नी पड़ी पढ़ाई
ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क नहीं बनने से उनकी बेटियों को पढ़ाई छोड़नी पड़ी। उनके बच्चों की सगाई नहीं हो रही। वहीं बेटियों का कहना है कि कीचड़ भरे रास्ते से होकर गुजरना दुश्वार हो गया है। इसके चलते माता-पिता अब उनकी पढ़ाई तक छुड़वा रहे हैं। गांव की कई महिलाओं की बीच रास्ते में डिलीवरी हो चुकी है। हालत यह है कि डेढ़ किलोमीटर का मार्ग उबड़-खाबड़ व कीचड़ भरा है, इसलिए ग्रामीणों को 9 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाकर जिला मुख्यालय पहुंचना पड़ता है।
विधायक पर वादा खिलाफी का आरोप
आंदोलन के दौरान ग्रामीणों ने विधायक दिलीपसिंह परिहार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव से पहले दिलीपसिंह परिहार उनके गांव आए थे। तब उन्होंने कहा कि यह छोटी सी सड़क है, इसे कभी भी बना देंगे, लेकिन आज तक सिर्फ डेढ़ किलोमीटर मार्ग की दशा नहीं सुधर पाई।
कई बार दिया आवेदन, नहीं हुई सुनवाई
ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने जिला मुख्यालय पहुंचकर कई बार कलेक्टर, एसडीएम सहित विभिन्न अधिकारियों को आवेदन दिया लेकिन उनकी आज तक सुनवाई नहीं हुई। कई मर्तबा स्थानीय विधायक को भी समस्या से अवगत करवा चुके हैं लेकिन किसी प्रकार हल नहीं निकल पाया। मजबूर होकर जल सत्याग्रह करना पड़ा।
परीक्षण के बाद बनवाएंगे सड़क
नीमच के जनपद सीईओ आरके पालनपुर ने कहा है कि मौके पर प्राथमिक निरीक्षण किया है। ग्रामीणों की मांग वाजिब है। हालांकि सड़क बनाने के लिए कई प्रकार के मापदंडों का सत्यापन करना होता है। आगामी रुप रेखा बनाकर इस सड़क को जल्द से जल्द बनाने की कोशिश करेंगे। इस आश्वासन पर ग्रामीणों ने जल सत्याग्रह समाप्त कर दिया।